प्रलय (Pralay)
Couldn't load pickup availability
जलवायु परिवर्तन अब कोई आने वाला खतरा नहीं है। यह हमारे घर, हमारे शरीर, हमारे भोजन, हमारे भविष्य — सबको एक साथ निगल रहा है। लेकिन संकट जितना वास्तविक है, हमारी चेतना उतनी ही सुन्न।
प्रस्तुत पुस्तक में आचार्य प्रशांत, वेदांत के आलोक में यह स्पष्ट करते हैं कि जलवायु संकट केवल एक पर्यावरणीय चुनौती नहीं है, बल्कि मनुष्य की जीवन-दृष्टि, उसकी इच्छाओं और मूल्यों से उपजा संकट है।
हर अध्याय एक गंभीर संवाद है — जो हमारी आदतों, सामाजिक व्यवस्था और मानसिक संरचनाओं की पड़ताल करता है। यह पुस्तक प्रश्न उठाती है — भीतर भी, बाहर भी।
▪️क्या सिर्फ नीति बदलावों या तकनीकी उपायों से यह संकट टल जाएगा?
▪️क्यों सबसे अधिक संकट में वे लोग हैं, जो इसके लिए सबसे कम ज़िम्मेदार हैं?
▪️कैसे हमारी उपभोगप्रियता और चुप्पी इस प्रलय की ज़मीन तैयार कर रही है?
▪️क्या अब भी कुछ किया जा सकता है?
यह किसी को दोष नहीं देती, पर यह भी नहीं कहती कि हम निर्दोष हैं। "प्रलय" कोई भविष्य की कहानी नहीं है। यह आज की स्थिति है, जिसे हम देखना नहीं चाहते। यह पुस्तक उसी को देखने को कहती है — जिसे टालना अब विनाश को चुनने जैसा है।
Share:
जलवायु परिवर्तन अब कोई आने वाला खतरा नहीं है। यह हमारे घर, हमारे शरीर, हमारे भोजन, हमारे भविष्य — सबको एक साथ निगल रहा है। लेकिन संकट जितना वास्तविक है, हमारी चेतना उतनी ही सुन्न।
प्रस्तुत पुस्तक में आचार्य प्रशांत, वेदांत के आलोक में यह स्पष्ट करते हैं कि जलवायु संकट केवल एक पर्यावरणीय चुनौती नहीं है, बल्कि मनुष्य की जीवन-दृष्टि, उसकी इच्छाओं और मूल्यों से उपजा संकट है।
हर अध्याय एक गंभीर संवाद है — जो हमारी आदतों, सामाजिक व्यवस्था और मानसिक संरचनाओं की पड़ताल करता है। यह पुस्तक प्रश्न उठाती है — भीतर भी, बाहर भी।
▪️क्या सिर्फ नीति बदलावों या तकनीकी उपायों से यह संकट टल जाएगा?
▪️क्यों सबसे अधिक संकट में वे लोग हैं, जो इसके लिए सबसे कम ज़िम्मेदार हैं?
▪️कैसे हमारी उपभोगप्रियता और चुप्पी इस प्रलय की ज़मीन तैयार कर रही है?
▪️क्या अब भी कुछ किया जा सकता है?
यह किसी को दोष नहीं देती, पर यह भी नहीं कहती कि हम निर्दोष हैं। "प्रलय" कोई भविष्य की कहानी नहीं है। यह आज की स्थिति है, जिसे हम देखना नहीं चाहते। यह पुस्तक उसी को देखने को कहती है — जिसे टालना अब विनाश को चुनने जैसा है।





You Also Viewed

प्रलय (Pralay)