Skip to product information

युध्यस्व (Yuddhyasva)

Regular price Rs. 159.00
Sale price Rs. 159.00 Regular price Rs. 300.00 47% Off
Tax included. Shipping is Free.
Book Cover Type

Out of stock

आध्यात्मिक शिक्षा (आत्मज्ञान) के अभाव में आज मनुष्य अपने अन्तर्जगत में एक घोर युद्ध में संलग्न है, वो भोग की कामना के ज्वर में विक्षिप्त हो गया है और उसके इस आन्तरिक द्वन्द्व की छाया जब बाहरी संसार पर पड़ती है तो वो तमाम विद्रूपताओं और समस्याओं के रूप में दिखती है — मनुष्य के भीतर मानसिक समस्याओं के रूप में, और प्रकृति में जलवायु परिर्वतन और प्रजातियों की विलुप्ति के रूप में।

मानव का स्वयं से और प्रकृति से एक सहज रिश्ता और सुन्दर तारतम्य स्थापित हो सके, इसके लिए आज क्या आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं, मानव को उसकी उच्चतम सम्भावना से वंचित होने से बचाने के लिए और प्रकृति की बर्बादी को रोकने के लिए क्या किया जाए — ये प्रश्न आज हमारे सामने चुनौती के रूप में खड़े हैं।

ऐसे में आज के समय में असली शत्रु कौन है, धर्मयुद्ध का स्वरूप कैसा होगा, असली योद्धा कौन है — इन प्रश्नों का जवाब इस पुस्तक के माध्यम से आचार्य प्रशांत हमें सहज और व्यावहारिक रूप में समझाते हैं। यह पुस्तक हर उस पाठक के लिए अनिवार्य है जो अपने मन के अन्धेरे और संसार की विद्रूपता की भयावहता को गहराई से समझाना चाहता है और इनके वास्तविक समाधान की तलाश में है (इनके विरुद्ध युद्ध की घोषणा करना चाहता है)।

Read More

आध्यात्मिक शिक्षा (आत्मज्ञान) के अभाव में आज मनुष्य अपने अन्तर्जगत में एक घोर युद्ध में संलग्न है, वो भोग की कामना के ज्वर में विक्षिप्त हो गया है और उसके इस आन्तरिक द्वन्द्व की छाया जब बाहरी संसार पर पड़ती है तो वो तमाम विद्रूपताओं और समस्याओं के रूप में दिखती है — मनुष्य के भीतर मानसिक समस्याओं के रूप में, और प्रकृति में जलवायु परिर्वतन और प्रजातियों की विलुप्ति के रूप में।

मानव का स्वयं से और प्रकृति से एक सहज रिश्ता और सुन्दर तारतम्य स्थापित हो सके, इसके लिए आज क्या आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं, मानव को उसकी उच्चतम सम्भावना से वंचित होने से बचाने के लिए और प्रकृति की बर्बादी को रोकने के लिए क्या किया जाए — ये प्रश्न आज हमारे सामने चुनौती के रूप में खड़े हैं।

ऐसे में आज के समय में असली शत्रु कौन है, धर्मयुद्ध का स्वरूप कैसा होगा, असली योद्धा कौन है — इन प्रश्नों का जवाब इस पुस्तक के माध्यम से आचार्य प्रशांत हमें सहज और व्यावहारिक रूप में समझाते हैं। यह पुस्तक हर उस पाठक के लिए अनिवार्य है जो अपने मन के अन्धेरे और संसार की विद्रूपता की भयावहता को गहराई से समझाना चाहता है और इनके वास्तविक समाधान की तलाश में है (इनके विरुद्ध युद्ध की घोषणा करना चाहता है)।

You Also Viewed

युध्यस्व (Yuddhyasva)

युध्यस्व (Yuddhyasva)

Regular price Rs. 159.00
Sale price Rs. 159.00 Regular price Rs. 300.00